वर्तमान संचार एवं जन माध्यम परिदृश्य में भारतीय सिद्धांतकारों दर्शनशास्त्रियों की चर्चा नहीं होती है। संचार के बहुतेरे सिद्धांत भारतीय ज्ञान परंपरा एवं मनीषा में असंगठित रूप से उपलब्ध है, यथा भरतमुनि का नाट्यशास्त्र, श्रीमद भगवत गीता का विश्वरूप कठोपनिषद का यम नचिकेता संवाद, संपूर्ण प्रश्नोपनिषद चाणक्य नीति, विदुर नीति, नारद भक्ति सूत्र समेत बहुतेरे अन्यान्य ग्रंथ एवं रचनाएं।
वर्तमान युगीन आवश्यकताओं के अनुरूप इन संचार सूत्रों एवं सिद्धांतों को एकीकृत, संकलित एवं परिमार्जित किए जाने के लक्ष्य को अभिप्रेत करते हुए मीडिया अध्ययन विभाग, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में आचार्य भरतमुनि संचार शोध केंद्र की स्थापना की गई जिससे संचार क्षेत्र में भारतीय मनीषा के अवदान से संपूर्ण विश्व को अवगत कराया जा सके।
केंद्र वैदिक ग्रंथों, उपनिषद, पुराण महाकाव्य एवं अन्य प्रामाणिक ग्रंथों में उपलब्ध संचार सूत्रों एवं सिद्धांतों की खोज कर प्राप्त निष्कर्षों पर आधारित पुस्तक, शोध आलेख, प्रतिवेदन का प्रकाशन करेगा साथ ही वैदिक आचार्य, मनीषियों, महाकवियों, लेखकों एवं अन्य महत्तम व्यक्तित्व पर केंद्रित वैयक्तिक अध्ययन कर संचार क्षेत्र में उनके अवदानों को रेखांकित करेगा और प्राप्त निष्कर्षों की पुस्तक एवं शोध आलेखों के रूप में प्रकाशन करेगा। बिहार एवं चंपारण केंद्रित पुरातन संचार उपयोगी अध्ययन कार्य के संपादन के साथ-साथ केंद्र दो शोधार्थियों को पीएचडी भी कराएगा एवं विविध लघु शोध कार्यों हेतु देश के मान्य संगठनों के साथ जॉइंट रिसर्च प्रोजेक्ट्स पर कार्य भी करेगा।