अध्ययन केन्द्र का उद्देश्य/लक्ष्य
- महिला सशक्तिकरण की दिशा में शैक्षणिक एवं शोध कार्य को सचालित एवं सुनिश्चित करना।
- महिला वर्ग को उनके संवैधानिक एवं विधिक अधिकारों के प्रति जारूक एवं सचेष्ट करना जिससे वे हिंसामुक्त समाज में अपना सतत एवं सर्वांगीण विकास कर सकें।
- आधी आबादी की प्रतीक महिला समाज को सम्मानर्पूवक गौरवपूर्ण जीवन जीने के लिए सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और विधिक स्तर पर सक्षमता प्रदान करना।
- केन्द्र के माध्यम से सुप्रशिक्षित होकर वे स्वयं परिवार, समाज एवं राष्ट्र के स्तर पर एक सक्षम, सचेत एवं मूल्यवान इकाई के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें।
- केन्द्र के माध्यम से लोक-संस्कृति एवं लोक-साहित्य के क्षेत्र में अध्ययन एवं शोध कार्य को प्रोत्साहन देना।
- अध्ययन केन्द्र को अन्तर्विषयक शोध पद्धति के अनुरूप शोध कार्य योजना को कार्यान्वित एवं रूपायित करना।
अध्ययन केन्द्र का विषय क्षेत्र एवं इसकी प्रासंगिकता
महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, पूर्वी चम्पारण के जिला मुख्यालय मोतिहारी में अवस्थित है। चम्पारण का पौराणिक और सांस्कृतिक इतिहास अत्यन्त समृद्ध और गौरवशाली रहा है चम्पारण वैदेही सीता की कर्मभूमि के साथ ही गार्गी और मैत्रेयी जैसी विदुषियों की भी विचार भूमि रही है । वाल्मीकि आश्रम में अपने निर्वासन काल में वैदेही ने लव-कुश जैसे पराक्रमी और यशस्वी पुत्रों का पालन-पोषण कर उन्हें बेहतर मानव संसाधन के रूप में समाज के समक्ष प्रस्तुत किया था। स्वतंत्रता आन्दोलन के दिनों में महात्मा गाँधी की जीवन संगिनी कस्तूरबा ने चम्पारण के आश्रमों के द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और नारी स्वावलंबन की अलख जगाई थी। इस संदर्भ में श्रीमती अवन्तिका बाई गोखले, श्रीमती आनन्दी बाई और श्रीमती दुर्गा बाई देसाई का अवदान भी चम्पारणवासियों के लिए महत्वपूर्ण रहा है। इन महत्वपूर्ण उपलब्धियों की अपनी एक महागाथा है। परन्तु यह एक दुखद सच्चाई है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के 73 वर्षों के पश्चात भी आज इस क्षेत्र की आधी आबादी स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा जैसी आधारभूत सुविधाओं से वंचित होकर अभिशप्त जीवन जीने को विवश है।
ऐसी परिस्थितियों में महिला संवर्ग की सक्रिय गतिविधियों, शैक्षणिक, शोध-कला-कौशल के शिक्षण माध्यम से सकारात्मक व्यापक परिवर्तन के पर्याप्त अवसर हैं। महिला वर्ग के स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, विधिक और सांस्कृतिक उन्नयन के क्षेत्र में इस अध्ययन केन्द्र की सकारात्मक भूमिका होगी, इसमें किंचित सन्देह नही।
- महिला वर्ग के प्रति साइबर क्राइम का अत्यंत ही विकृत स्वरूप सामने आया है। कोविड-19 के इस महा आपदा के समय में इस प्रवृत्ति में अत्यंत उभार आया है जिसके घातक परिणाम हो रहे हैं। महिला अध्ययन केन्द्र विश्वविद्यालय के संगणक विज्ञान एवं सूचना तकनीकि विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पाठ्यक्रम चलाकर महिला संवर्ग को वैधानिक रूप से जागरूक एवं लाभान्वित किया जाएगा।
- महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के स्थापना काल से ही ‘समाजकार्य विभाग’ कार्यरत है। सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में इस विभाग की उपलब्धियां उल्लेखनीय रही हैं तथा छात्र-छात्राओं का परिसर चयन भी विभिन्न विभागों से होता रहा है । महिला अध्ययन केन्द्र तथा समाज कार्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम का संचालन करके महिला वर्ग को लाभान्वित किया जा सकता है।
- महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय भारत-नेपाल की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के समीप अवस्थित है जिससे इसका अन्तर्राष्ट्रीय महत्व बढ़ जाता है। अत: इस महिला केन्द्र का क्षेत्र और भी व्यापक हो जाता है। इसकी अन्तर्राष्ट्रीय महत्ता असंदिग्ध है।
- इस क्षेत्र में अशिक्षा, गरीबी, स्वास्थ्य, प्राकृतिक आपदा (बाढ़-भूकम्प ) आदि को दृष्टिगत रखते हुए इस जिले में कार्यरत एन.जी.ओ. से साझेदारी करके यह अध्ययन केन्द्र अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सकता है।
शैक्षणिक एवं अनुसंधात्मक गतिविधियां
- वैदेही महिला अध्ययन केन्द्र का उद्देश्य अन्तरअनुशासनात्मक शिक्षा पाठ्यक्रम की योजना को कार्यरूप प्रदान करना है । इस हेतु विभिन्न विभागों के शोध छात्रों के लिए यह शोध केन्द्र एक समुचित अवसर प्रदान करने वाला सिद्ध होगा, इसमें किंचित संदेह नहीं ।
- इस संदर्भ में राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं से विविध विषयों पर लेख, शोध आलेख, साक्षात्कार आदि को संकलित कर प्रकाशित करना भी इस अध्ययन केन्द्र का एक सुनिश्चित प्रकार्य होगा।
- महिलाओं से संबद्ध विभिन्न विषयों पर सारस्वत विमर्श हेतु संगोष्ठी, वेब संगोष्ठी, कार्यशाला इत्यादि का आयोजन भी केन्द्र का दायित्व होगा ।
- महिला वर्ग द्वारा सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रक्रिया में योगदान का अभिलेखीकरण और राष्ट्रीय सलाहकार समिति का गठन भी इस केन्द्र द्वारा किया जायेगा।
- इस अध्ययन केन्द्र के संचालन हेतु आवश्यक फर्नीचर, उपकरण, पुस्तकालय, दो सहायक और कम्प्यूटर सिस्टम विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अपेक्षित है जिससे प्रस्तावित कार्य को धरातल पर उतारा जा सके।